“I hate love shayari”आज कल लड़के लड़किया एक दूसरे से प्यार करना, कुछ समय relation में रहना और फिर अचानक से अपने relation का the end कर देना जैसे कि common सा हो गया हैं।
आजकल के प्यार में धोखेबाज़ी, नफरते , jealousy जैसे कि common सा शब्द बन चुका है।हर दूसरा person जो किसी न किसी से प्यार करता हैं उसे कभी न कभी प्यार में धोका जरूर मिलता है।वो इस प्यार से कुछ दिनों के बाद नफरत करने लग जाते हैं।
चलिये कुछ I Hate love shayari पर कुछ शायरी देखेंगे।
I hate love shayari|Hate shayari in hindi
कौन कहता है कि,
सिर्फ नफरतों में ही दर्द होता हैं,
कभी हद से ज्यादा मोहब्बत भी,
बहुत तकलीफ देती है…!!
Kaun kehta hain ki
sirf nafrato me hi dard hota hain…
Kabhi had se jyada mohabbat bhi
Bahut takleef deti hain…!!
यकीन करो मोहब्बत इतनी भी आसान नही हैं,
हज़ारों दिल टूट जाते हैं,
एक दिल के हिफाज़त में….
Yakin karo mohabbat itni bhi aasaan nhi hain,
Hazaro dil tut jate hain,
EK dil ke hofazat me…
तन्हा रहना तो सिख लिया,
पर कभी खुश न रह पाएंगे,
तेरी दूरी तो सह लेगा ये दिल,
पर तेरे प्यार के बिना जी न पाएंगे…
Tanha rahna toh sikh liya,
Par kabhi khus na rah paenge,
Teri doori toh sah lega ye dil,
Par tere pyaar ke bina ji na payega….
आँशु जानते हैं कौन अपना हैं,
तभी अपनो के आगे निकलते है,
मुस्कुराहट का क्या हैं,
गैरो से भी वफ़ा कर लेती हैं….
Anshu jaante hain kaun apna hain,
Tabhi apno ke aage nikalte hain,
Muskurahat ka kya hain,
Gairo se bhi wafa kar leti hain…
इसे जरूर देखें
महसूस कर रहे तेरी लापरवाही
कुछ दिनों से,
याद रखना अगर हम बदल गए,
तो मनाना तेरे बस की बात नही….
Mahsos kar rahe teri laparwahi kuch dino se,
Yaad rakhna agar hum badal gaye
Toh manana tere bas ki baat nhi…
मैं बदनाम नही करता,
सारे राज छिपा लेता हूँ,
कोई पूछता है उसके बारे में तो,
हल्का सा मुस्कुरा देता हूँ…
Main badnaam nhi karta,
Sare raaj chipa leta hoon,
Koi puchta hain uske bare me toh,
Halka sa muskura deta hoon….
पता तो मुझे भी था
की लोग बदल जाते हैं,
पर मैंने उन्हें,
उन लोगो में गिना नही था।
Pata toh mujhe bhi tha,
Ki log badal jate hain,
Par maine unhe,
Unlogo mein gina nhi tha…
I hate love shayari in hindi|Hate love shayari
मेरा हुनर है कि,
मैं सब कुछ छिपा सकता हूँ,
मैं तेरे हर सितम पर अब मुस्कुरा सकता हूँ…
Mera hoonar hain ki,
Main sab kuch chipa sakta hoon,
Main tere har sitam par ab muskura sakta hoon….
कौन कहता हैं,
हमने तुम्हे दिल से निकाला हैं,
यही तो एक रोग हैं,
जो हमने शौक से पाला हैं….
Kaun kehta hain,
Hamne tumhe dil se nikala hain,
Yahi toh ek rog hain,
Jo hamne shauk se pala hain…
अगर तुम बार बार रूठोगी,
तो मैं तुम्हे बार बार मनाऊँगा,
मगर ये मत सोचना की,
मैं तुम्हे छोड़कर चला जाऊंगा…
Agar tum baar baar ruthogi,
Toh main tumhe baar baar manauga,
Magar ye mat sochna ki
Main tumhe chodkar chala jaunga….
मैं मर जाऊ तो,
मेरी कब्र पे लिख देना
मौत बेहतर है,
दिल लगाने से….
Main mar jau toh,
Meri kabr pe likh dena,
Maut behtar hain,
Dil lagane se….
बिछड़ने का तो,
वो पहली ही इरादा कर चुके थे,
उसे तो बस मेरी तरफ से,
कोई बहाना चाहिए था।
Bichadne ka toh,
wo pehli hi Irada kar chuke the,
Use toh bas meri taraf se
Koi bahana chahiye tha.
छोड़ दिया चाँद का साथ,
हमने ये सोचकर,
जो रात का न हुआ,
वो हमारा क्या होगा…
Chod diya chand ka sath,
Hamne ye sochkar,
Jo raat ka na hua,
Wo hamara kya hoga…
अगर फुर्सत के लम्हो में,
याद करते हो तो अब मत करना,
क्योंकि मैं तन्हा जरूर हूँ,
मगर फ़िज़ूल बिल्कुल नही…
Agar fursat ke lamho ho,
Yaad karte ho to ab mat karna,
Kyuki main tanha jarur hoon,
Magar fizul bilkul nhi…
वैसे ही कुछ नही था खोने को,
फिर तुम आए ज़िंदगी में,
और खुशी भी ले गए…
Waise hi kuch nhi tha Khone ko,
Fir tum aaye zindagi me,
Aur khusi bhi le gaye…
न मोहब्बत शम्भाली गयी
न नफरते पाली गयी
अफसोस है उस ज़िंदगी का
जो तेरे पीछे खाली गई।
Na mohabbat shambhali gayi,
Na nafrate pali gayi,
Afsos hain us zindagi ka,
Jo tere piche khali gayi…
होंगे जब जुदा,
तो मोहब्बत का बंटवारा कर लेंगे,
सारी खुशियां तुम ले जाना,
हम तुम्हारी यादों से गुजारा कर लेंगे।
Honge jab juda,
Toh mohabbat ka batwara kar lenge,
Sari khusiya tum le jana,
Hum tumhari yaado se guazara kar lenge.
खूबसूरती अक्सर,
सांवलेपन में होती हैं,
गोरे तो तब भी फरेबी थे,
और अब भी फरेबी।
Khubsurti aksar, sawlepan me hoti hain,
Gore toh tab bhi farebi the,
Aur ab bhi farebi…
जख्म ही देना था,
तो पूरा जिस्म तेरे हवाले था,
लेकिन कम्भख्त ने जब भी वार किया,
दिल पर ही किया…
Jakhm hi dena tha,
Toh pura jism tere hawale tha,
Lekin kambhakt ne jab bhi war kiya,
Dil par hi kiya…